मंगलवार, 19 जून 2012

डिवाइन शॉप 




शॉप डिवाइन मोड़ मोड़ पर , बहुतेरे है गाईड !
कोई एनर्जी बेच रहा तो कोई डिवाइन माईंड !!

सोल (soul )चार्जर मिल जायेंगे , बदले कोई लाईफ !
चक्रों के स्पेयर पार्ट है पिछले जनम के गाईड !!

बातों में उलझा उलझा कर पीछे रहे ढकेल !
पास्ट लाइफ की खुली दुकाने enlightened की सेल !!

सहज समाधि कुछ मिनटों में मिलती है !
योग ध्यान मुद्रा पैकेज में बिकती है !!

जिसके जेब में जितने पैसे वैसी उसकी क्लास है !
दुनिया को बेवकूफ बनाओ उसकी भी वर्कशाप है !!

ज्योतिषी पण्डित योग गुरु कथावाचक नहीं सब याचक है !
चैनल वाले धन बटोरते यह समाज के पातक है !!

रिट्रीट पञ्च तारा होटल में धनवालों के चोचले !
चलना होगा खुद ही पथ पर जाने से पहले सोचले !!

जब अध्यात्मिक गुरु था भारत , डिवाइन शॉप नहीं थी !
गुफा कन्दरा वन उपवन में ध्यान की गंगा बही थी !!

( यह व्यंग वास्तविक गुरुवों पर नहीं है , एह  व्यंग केवल  आध्यात्मिकता के नाम पर हो रही खुली sale पर है ,जिसे श्रद्धा के नाम पर खोजी साधकों को गुमराह किया जा रहा है ,साधक कोई हंस नहीं है जो नीर और छीर में भेद कर पाए ! )

--अनंत चैतन्य -- लखनऊ ---