शनिवार, 4 मई 2013

आज की महाभारत

दोनों आँखों पट्टी बाँधी , गांधारी , अभिभावक बन के !
माला परिवार की विखर गयी व  टूटे है सारे मनके  !!१ !!

धृतराष्ट्र अँधेरे     में     बैठे , संस्कार   दिया न  बच्चों  को !
करते हैअवज्ञा  चीर हरण और भूल चुके है लक्षो  को !! 2 !!

लाक्षागृह सी स्थिति घर में  , षड़यंत्र , जुआ ,परिहास करे !
मनमानी   उन पर करते है ,जो   विदुर सरीखी बात  करें  !! ३!!

कुछ भीम , युधिस्ठिर , अर्जुन हो , जो तोड़ें उनकी जंघाए  !
माना की वह थोड़े होंगे  , पर शान्ति   अनुशासन लाये  !! ४ !!

अब आयें कुंती माँ       बनकर   , पांडवों से बच्चें , फिर से जने  !
हर दुःख  , अभाव व कुसमय  में , तप करके  संस्कृतिवान बने !! ५ !!

बच्चो गांडीव गदा ले लो , फिर     धर्म    युद्ध की बात करो .!
द्रोपदी कृष्ण अभी जिन्दा है  , तुम आस रखो विश्वाश करो !! ६ !!

द्रोपदी के आँख न आंसूं हो  , कुंती   माँ भी    अब न रोयें  !
घनश्याम का संग करें  बेटे  , सुख शान्ति से दुनिया सोये  !! ७ !!

जब भेद भाव से युक्त द्रोण , जब गुरु शिष्य परंपरा खो देंगे  !
अर्जुन भी गुरु को    मारेगा ,    एकलव्य भले    ही रो देंगे   !! ८ !!

हे भीष्म को गए बूढ़े  तुम  ,     चुपचाप तमाशा   देखो  ना !
वनवास  हेतु प्रस्थान करो  ,      अब राज सभा में बैठो  ना  !! ९ !!

यह, देश , समाज की बाते है ,  घर घर की यही   कहानी है  !
पांडव कौरव से युद्ध   करें  ,      युग    युगांतर   दोहरानी है  !! १० !!

--------------      अनंत चैतन्य - लखनऊ     -------------------

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