शनिवार, 26 मई 2018

कवि !
क्या लिख सकते हो ??
बारिस की बूंदों की टप टप
उन मस्त हवाओं की सर सर 
झरनों की ध्वनियों की सरगम
स्पंदन , ह्रदय तंतु धड़कन !!
यह शब्द नहीं संगीत है .....
क्या लिख सकते हो ??
शिव डमरू के डम डम का नाद
शिव शिवi के मध्य घटा संवाद
काली का गर्जन
भैरव का नर्तन
उस परब्रम्ह परमात्मा के
पूरी श्रृष्टि का चित्रण
उस महा सूर्य का ताप
और उस पूर्ण चन्द्र के
किरणों का शीतल प्रकाश !!
यह शब्द नहीं यह ऊर्जा है ....
क्या लिख सकते हो ???
एक माँ की ममता की पुकार
उस फटे हाल अबला की लाज
प्रेमी के ह्रदय से उठी पीर
दुखिया के आंसूं की आवाज़ !!
यह भाव है कोई शब्द नहीं ......
क्या लिख सकते हो ???
कवि क्या लिख सकते हो ????
..श्रवण कुमार मिश्र ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें