घनाक्षरी छंद
भगवान बुद्ध
करुणा के मीत , प्रीत प्रेम के पुजारी बुद्ध
बोधि बृक्ष छाया तलेज्ञान मिला जिनको !!
शांति व् सौंदर्य सौम्य सभ्यता की शिक्षा देके
राजा भिक्षु बना ,दिया ध्यान जन जनको !!
हिंसा से अहिंसा का पुजारी बन अशोक ने भी
देशना प्रचार हेतु दान किया तन को !!
करुणा व् बोध की अवस्था देके मुक्त किया ,
दस्यु अंगुल मल ने छोड़ दिया बन को !!
----अनंत चैतन्य - लखनऊ -------
भगवान बुद्ध
करुणा के मीत , प्रीत प्रेम के पुजारी बुद्ध
बोधि बृक्ष छाया तलेज्ञान मिला जिनको !!
शांति व् सौंदर्य सौम्य सभ्यता की शिक्षा देके
राजा भिक्षु बना ,दिया ध्यान जन जनको !!
हिंसा से अहिंसा का पुजारी बन अशोक ने भी
देशना प्रचार हेतु दान किया तन को !!
करुणा व् बोध की अवस्था देके मुक्त किया ,
दस्यु अंगुल मल ने छोड़ दिया बन को !!
----अनंत चैतन्य - लखनऊ -------
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