काशीनाथ की होली
( एक घनाक्षरी छंद )
उमा संग काशीनाथ, होली खेले गंगा घाट
अंग में लगाये भस्म , भंग भी चढ़ाये है !!
शमशान घाट बीच , शिवा संग बैठे शिव
भूत प्रेत नाचे सब , शिव मुस्काये है !!
रंग और भंग बीच , गंग भी तरंगित है
गणपति गणेशजी , ढुमका लगाये है !!
डमकावत डमरू , बम बम महानाद
विश्वनाथ बाबा होली , टोली को खिलाये है !!
---अनंत चैतन्य - लखनऊ ----
उमा संग काशीनाथ, होली खेले गंगा घाट
अंग में लगाये भस्म , भंग भी चढ़ाये है !!
शमशान घाट बीच , शिवा संग बैठे शिव
भूत प्रेत नाचे सब , शिव मुस्काये है !!
रंग और भंग बीच , गंग भी तरंगित है
गणपति गणेशजी , ढुमका लगाये है !!
डमकावत डमरू , बम बम महानाद
विश्वनाथ बाबा होली , टोली को खिलाये है !!
---अनंत चैतन्य - लखनऊ ----
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