नौका विहार
( एक घनाक्षरी छंद )नीरव निशा में नीली यमुना के नीर तीर
करती नौका विहार , संग वृज रानी है !!
नीले नीले अम्बर की नीलिमा निहारे नाथ
श्याम देत नील मणि , नेग की निशानी है !!
नूपुर पहिर नाथ , नाच दिखरावत है
नैनन निहाल नैन , मारि मुस्कानी है !!
नैन ललचावै , दिखरावे नखरैल भाव
नन्द के नंदन को , चिढावे राधारानी है !!
---अनंत चैतन्य - लखनऊ ----
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