....जब पापा ने कहा था ,
बेटे अंकल से कह दो " पापा घर में नहीं है "
बेटे ने तो बस यही तो कहा था --
" पापा ने कहा है पापा घर में नहीं है "
तब तक उसने नही जाना था ,
नहीं समझा था ,
झूठ क्या है ?
फरेब क्या है ??
बड़ा हुआ , सोचा समझा ,
उस बात का मतलब भी जाना जो ,
पापा ने कहा था !!
अब,
पापा कहते है --" तू झूठ बोलता है ? "
सोचो ,
उस झूठ का कौन है दोषी ?
और कहा खो गयी उस मासूम की
निर्दोष सी हंसी !
" पापा तुम्ही बताओ " ??
---स्वामी अनंत चैतन्य --लखनऊ --
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