बुधवार, 26 सितंबर 2012


खुशियाँ
नहीं मनाई जाती
किसी के आंसूओं पर बैठ कर !
क्योकि ,
वहाँ रुक न पाओगे  !
नीचे गिर जाओगे !!
उसके आँखों के आंसू की नमी
सुखा देगी ,
हृदय की जमीन को
फिर उस बंजर में
उगा न पाओगे
कभी प्रेम और करूणा के बीज !!
--स्वामी अनंत चैतन्य -- लखनऊ ---

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