रविवार, 30 सितंबर 2012


कवि !
क्या तुम लिख सकते हो ??

बारिस की बूंदों की टप टप
उन मस्त हवाओं की सर सर
झरनों की ध्वनियों  की सरगम
स्पंदन , ह्रदय तंतु धड़कन  !!
यह  शब्द  नहीं संगीत है .....
क्या लिख सकते हो ??

शिव डमरू के डम डम का नाद
शिव शिव के मध्य घटा संवाद
काली का गर्जन
भैरव का नर्तन
उस परब्रम्ह परमात्मा के
पूरी श्रृष्टि का चित्रण
उस महा सूर्य का ताप
और उस पूर्ण चन्द्र के
किरणों का शीतल प्रकाश !!
यह शब्द नहीं यह ऊर्जा है ....
क्या लिख सकते हो ???

एक माँ की ममता की पुकार
उस फटे हाल अबला की लाज
प्रेमी के ह्रदय से उठी पीर
दुखिया के आंसूं की आवाज़ !!
यह भाव है कोई शब्द  नहीं ......
क्या लिख सकते हो ???
कवि क्या लिख सकते हो ??????????

--स्वामी अनंत चैतन्य -- लखनऊ ---


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