"सोहम "
साँसों के झूले पर
"सोहम " की मस्ती में !
झूल रहा हो प्रतिपल
प्राणों की रस्सी में !!
"मेरुदंड " डंडा है
उसपर मै बैठा हूँ !
अस्तित्व आधार ,
वही से मै बहता हूँ !!
साक्षी सब देख रहा
रोम रोम रोमांचित !!
अनंत चैतन्य प्रवाह
तन मन प्रकाशित !!
--स्वामी अनंत चैतन्य - लखनऊ --
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