रविवार, 8 अगस्त 2010

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र

श्री सदगुरुवे नमः

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय



ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय




नंदी बाबा
अगस्त्य महामुनि
महावतार बाबा
सदगुरु श्रद्धेय श्री कुणाल कृष्ण
( सम्बुद्ध रहस्यदर्शी एवम संस्थापक अनंत पथ )

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र


ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय


सौराष्ट्रे सोमनाथं      च श्री शैले मल्लिकार्जुनम
उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम मम्लेश्वरम !!

परल्याम वैज्यनाथं च डाकिन्याम भीम शंकरं
सेतु बंधे तु   रामेशं       नागेशं द्वारुकावने !!

वाराणास्याम तु   विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे
हिमालये    तु केदारं   घुश्मेशम   च शिवालये !!

एतानि  ज्योतिर लिंगानि    सायं प्रातः पत्ठेन्नर
सप्त   जन्म   कृतं पापं     स्मरनें     विनश्यति !!

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय





अनन्त पथ का पथिक

स्वामी अनंत चैतन्य
लखनऊ


2 टिप्‍पणियां:

  1. अपनी पोस्ट के प्रति मेरे भावों का समन्वय
    कल (9/8/2010) के चर्चा मंच पर देखियेगा
    और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा।
    http://charchamanch.blogspot.com

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  2. Bahut acha likhte hai aap.hamne bhi ik hindishabad blog start kiya hai usme hum bharat ke tyohar, khaas diwas aur kuj khaas jagah ke baare me likhte hain janiye kuj aise hi videsh lekh ke baare me jaise ki ik anokha quarantine temple of india

    जवाब देंहटाएं