रविवार, 11 जुलाई 2010

NAVADHA BHAKTI ---------RAM CHARIT MANAS

श्री गणेशाय नमः

नवधा भक्ति

प्रथम भगति संतन्ह कर संगा .  दुसरि  रति मम कथा प्रसंगा ..

गुर पद पंकज सेवा             तिसरी भगति अमान .
चौथि भगति मम गुण गन करई कपट तजि गान .. 

मंत्र जाप मम दृढ बिश्वाशा .            पंचम भजन सो बेद प्रकाशा ..
छठ दम सील बिरति बहु करमा  . निरत निरंतर सज्जन धरमा ..
सातव सम मोहि मय जग देखा .      मोते संत अधिक करि लेखा ..
आठव जथा लाभ संतोषा .                 सपनेहु नहीं देखे पर दोषा   ..
नवम सरल सब सं छलहीना .     मम भरोस हिय हरस न दीना

                                    ---राम चरित मानस , अरण्य काण्ड









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