( सदगुरु श्री कुणाल कृष्ण जी )
मेरे प्यारे सदगुरु , जिन्होंने मुझे नयी दिशा और दशा दी
जीवन पथ की कठिन पहेली मै सुलझा न सका था ,
कभी भी कोई रस्ता मुझको सीधा नहीं मिला था !
कुछ क्षण को यह लगने लगा था .. मंजिल दूर नहीं ,
पर अगले पल , मोड़ ने मुझको पीछे घुमा दिया !!
बस, इसी अबूझ पहेली को सुलझा ही रहा था मै,
बूझ बूझ कर बुझने वाला दिया हुवा था मद्ध्ध्म !
तभी मेरे सदगुरु ने मुझमे ,भरा दिया अलौकिक तेल,
शुद्ध कर दिया, दिया की बाती ज्योति हुयी उज्जवल !!
दिव्य सुगंध प्रकाश युक्त मै , जलता हूँ हरदम
बस क्रम यू ही चलता रहे , प्रकाशित रहूँ प्रतिपल !
किसी अँधेरे चौराहे पर धर देना गुरुवर ,
भले मेरा तन मन जल जाए, राह करूं औरों का सुगम !!
स्वामी अनंत चैतन्य ,
अनंत पथ का पथिक
लखनऊ
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