शनिवार, 26 मार्च 2011

ढाई आखर 'प्रेम' का


ढाई आखर 'प्रेम' का 

'प्रेम' ढाई आखर का 
मात्र एक शब्द  नहीं
भावना जगत का यह
अंतरतम तल है !!

राधा की उपासना का 
मीरा की आराधना का
कबीरा की साधना का 
यही मूल  मंत्र है !!

बुद्ध की करुणा का 
महावीर की दया का 
ईशा की ऊर्जा का 
एक मात्र श्रोत है !!

चेतना में प्रज्ञा का 
भक्ति में श्रद्धा का 
ज्ञानियों में विद्या का 
आवश्यक तत्व है !!

मन से बुद्धि का 
ह्रदय से आत्मा का 
स्व से परमात्मा का 
सुन्दरतम सेतु है !!

सबरी की भक्ति का
हनुमत की शक्ति का 
भरत की तपस्या का 
दिव्यतम सूत्र है !!

माता की ममता का 
पुष्प की कोमलता का
गंगा की पवित्रता का 
उच्चतर रूप है  !!

सबसे सरल व्रत है यह 
प्रेम पथ मार्ग का 
प्रेम मात्र शब्द  नहीं 
मूल तत्व सत्य का !!
       
      अनंत चैतन्य 
          लखनऊ 





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