शुक्रवार, 11 मार्च 2011

बेवजह , बेबात पर बस खिलखिलाता हूँ .....

खुशी ने जबसे , घर पर 
दस्तक देना बंद कर रक्खा 
तभी से मुस्कुराता हूँ  !

"बहुत खुश हूँ मै"
यह बात  मै सब को बताता हूँ  !

बेवजह , बेबात पर 
बस हँसता ,खिलखिलाता हूँ  !

खुश हूँ , यह दिखाना तो 
बाहर की बात है !
लबों  पर रोशनी रखी
दिल के अन्दर तो रात है  !

स्वामी अनंत चैतन्य 
( अनंत पथ का पथिक )
लखनऊ





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